सितारों से आगे जहां और भी हैं...

 

सितारों से आगे जहां और भी हैं...



सितारों के आगे जहाँ और भी हैं

अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं

तही ज़िन्दगी से नहीं ये फ़ज़ायें

यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं

क़ना'अत न कर आलम-ए-रंग-ओ-बू पर

चमन और भी, आशियाँ और भी हैं

अगर खो गया एक नशेमन तो क्या ग़म

मक़ामात-ए-आह-ओ-फ़ुग़ाँ और भी हैं

तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरा

तेरे सामने आसमाँ और भी हैं

इसी रोज़-ओ-शब में उलझ कर न रह जा

के तेरे ज़मीन-ओ-मकाँ और भी हैं

गए दिन के तन्हा था मैं अंजुमन में

यहाँ अब मेरे राज़दां और भी हैं.

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