Kya tum woh shakhs ho
jo iss tarhaan se kehte ho?
Yeh soch yeh aankhain
Yeh lehja yeh baatain!
Kab se dil mein naqsh ho
Sadion se yahan rehte ho- Yasra Rizvi
In this poetic sanctuary, emotions find their eloquent expression. Explore a world of Shayari that captures love, pain, and life's symphony in every verse. Here you finds Love shayari, Sad shayari, urdu shayari , motivational shayari , Hindi shayari
Kya tum woh shakhs ho
jo iss tarhaan se kehte ho?
Yeh soch yeh aankhain
Yeh lehja yeh baatain!
Kab se dil mein naqsh ho
Sadion se yahan rehte ho- Yasra Rizvi
Nakaam mohabbat by Yasra Rizvi
तुमसे मोहब्बत नाकाम कर रहे है,
ये कैसा जुनून है ये क्या काम कर रहे है,
शायद कुसूर तेरे होने का है,
या खुद अपना किस्सा तमाम कर रहे है,
ये सिया आँखे ,ये हया आँखे,
वो दिल का चैन काया आँखे,
ये किस नज़र को भर के देखा है,
हम अपना चेहरा तेरे नाम कर रहे है,
यू बंदगी का दावा सरे आम कर रहे है,
तेरी आवाज में जो राज है,
उनकी ही शरारत होगी,
ये जो गुफ़्तगू के अंदाज है,
उनकी ही हरारात होगी,
कि तेरी सोच में फना रहू बाबजूद अपनी सूरत के,
तेरा अक्स में बना रहूं,
ख़्वाहिश में दीदार की दीवार से लगा रहूं,
तू किस घड़ी पुकार ले, में रात भर जगा रहूं,
ये बबस्तगी, ये फरेफ़्तगी, हाये ये मेरी तिशनगी,
गलत नही है जो नासै आयद ये इल्जाम कर रहे है,
लगा के आग मयकदो को हम तुंझे जाम कर रहे है,
बिक गए है सारे ख्याब तुझे ओर ये सौदा हम बिना दाम कर रहे है,
मेरा हाल सुन के वो मुस्कुरा रहा है,
उसे क्या खबर कोई जान से ही जा रहा है,
बेधड़क दिल की बात कह दु तो,
चुप ही रहता है बस बदलता है पहलू वो,
इस अदा से मुझे बहला रहा है , मेरा दिलबर मेरा हौसला आजमा रहा है,
पर हौसला इस फ़क़ीर का,उसका दिल बड़ा रहा है,
अब हम हँस रहे है,
इनक़ार में ही सही कही तो बस रहे है,
तेरी बेरुखी की छांव में आराम कर रहे है,
कोई डर नही की खुद को बदनाम कर रहे है,
हम तो तेरे गुरुर का अहतमाम कर रहे है,
ना जोर था आगाज पे, ना फिक्र-ए-अंजाम कर रहे है,
अभी तो पहली बारिश है मोहब्बत की,
तुमसे किसने कहा कि एहतिशाम कर रहे हैं..- YASRA RIZVI
Some more popular shayari of yasra rizvi
1.Kya pyar ek baar hota.yasra rizvi
Kya pyar ek baar hota hai ...
क्या प्यार एक बार होता है,नही ये बार बार होता है
तो फिर क्यों ,किसी एक का इन्तेजार होता है
वो ही तो सच्चा प्यार होता है,
प्यार भी क्या इंसान होता है
कभी सच्चा कभी झूठा ,बेईमान होता है
उसकी रागों में भी, क्या खानदान होता है
और मकसदे हयात ,नफा नुकसान होता है
प्यार तो प्यार होता है प्यार होता है
बिछड़ भी जाये,तो दिलदार होता है
जब भी हो जिससे भी हो, शानदार होता है
हो एक बार की सौ दफा ,
प्यार का भी कोई शुमार होता है
बार बार जो हो जाये, क्या उसे प्यार कहते है
अजी आपसो को लोग,बद-किरदार कहते है
हम जिन्हें तहजीब का,ठेकेदार कहते है,
वो आपको मजनून,और बीमार कहते है
अगारगीये सोच का,आलम बरदार कहते है
शुरफ़ा को रोक रोक के,खबरदार कहते है
चलो बदकिरदार सही,झूठे तो नही है
नसीब किसी के ,हमसे फूटे तो नही है
हसरतों के बोझ तले,टूटे तो नही है
सवारे है फकत तेरी,लूटे तो नही है
some more shayari of YASRA RIZVI
1.Vo kachi umar ke pyar ..yasra rizvi
Wo kacchi umar ke pyar ...
वो कच्ची उम्र के प्यार भी,
है तीर भी तलवार भी
ताजा है दिल पे वार भी ,
और खूब यादगार भी
घर जाएँ वहशते ऐसी ,
भी कोई रात हो
सर सफेद हो गया,
लगता है कल की बात हो
ये कच्ची उम्र के प्यार भी ,
बड़े पक्के निशान देते है
आज पे कम ध्यान देते है ,
बहके बहके बयान देते है
उनके देखे हुए मुद्दत हुई ,
और हम अब भी जान देते है
Some more popular shayari of YASRA RIZVI
1.Tum kamal karte ho..yasra rizvi
Tum kamaal karte ho...
तुम कमाल करते हो,
यूं धड़कनो का,
मेरी इस्तेमाल करते हो
के जलतरंग मैं हो जाऊं
रंग रंग मैं हो जाऊं
तुम्हारा नाम ले कोई
मैं खुद ब खुद से हो जाऊं
आमदो से खो जाऊं
और इस खुशी में रो जाऊं
तेरी दिल फरेब छाओं में
मैं थक के सो जाऊं
-Yasra rizvi
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1.kya pyar ek baar hota hai.. yasra rizvi
चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे~. बुल्लेशाह “चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे हीरे दा कोइ मुल ना जाणे खोटे सिक्के चलदे ...