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शाम से आज साँस भारी है गुलज़ार

 





शाम से आज साँस भारी है

 बे-क़रारी सी बे-क़रारी है

 आप के बा'द हर घड़ी हम ने 

आप के साथ ही गुज़ारी है - गुलज़ार

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