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जब उस की तस्वीर बनाया करता था

 जब उस की तस्वीर बनाया करता था 



जब उस की तस्वीर बनाया करता था 


कमरा रंगों से भर जाया करता था 


पेड़ मुझे हसरत से देखा करते थे 


मैं जंगल में पानी लाया करता था 


थक जाता था बादल साया करते करते 


और फिर मैं बादल पे साया करता था 


बैठा रहता था साहिल पे सारा दिन 


दरिया मुझ से जान छुड़ाया करता था 


बिंत-ए-सहरा रूठा करती थी मुझ से 


मैं सहरा से रेत चुराया करता था

वो मर्द बदल लिया करती थी..

वो मर्द बदल लिया करती थी..



 ठहराओ तो उसमें था ही नही,

रुकती थी निकल लिया करती थी,

में कपडे बदलते सोचता था,

वो मर्द बदल लिया करती थी..

Ek Tamanna hai..

 Ek Tamanna hai



Ek Tamanna hai,

Ki vo aaye aur mujhe gale se lga le,

Aur ek hakikat hai,

Ki vo mujh se dur bahut hai..

बचपना हम लडको से कभी छुटता ही नही,




बचपना हम लडको से कभी छुटता ही नही,

जवान होना तो सिर्फ लड़कियों को आता है।

चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे~. बुल्लेशाह

  चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे~. बुल्लेशाह “चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे हीरे दा कोइ मुल ना जाणे खोटे सिक्के चलदे ...