जो आँख से ना टपके वो लहू क्या हैं मिर्जा गालिब

 जो आँख से ना टपके वो लहू क्या हैं।। मिर्जा गालिब

हर एक बात पर कहते हो तुम कि तू क्या हैं तुम ही बताओ ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या हैं रगो में दौड़ते फिरने के हम नहीं कायल जो आँख से ना टपके वो लहू क्या हैं -मिर्ज़ा ग़ालिब साहब

No comments:

Post a Comment

चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे~. बुल्लेशाह

  चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे~. बुल्लेशाह “चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे हीरे दा कोइ मुल ना जाणे खोटे सिक्के चलदे ...