चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे~. बुल्लेशाह

 चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे~. बुल्लेशाह


“चढ़दे सूरज ढलदे देखे

बुझदे दीवे बलदे देखे

हीरे दा कोइ मुल ना जाणे

खोटे सिक्के चलदे देखे

जिना दा न जग ते कोई, 

ओ वी पुतर पलदे देखे।

उसदी रहमत दे नाल बंदे

पाणी उत्ते चलदे देखे!

लोकी कैंदे दाल नइ गलदी,

मैं ते पथर गलदे देखे।

जिन्हा ने कदर ना कीती रब दी, 

हथ खाली ओ मलदे देखे …

कई पैरां तो नंगे फिरदे,

सिर ते लभदे छावां,

मैनु दाता सब कुछ दित्ता,

क्यों ना शुकर मनावां!” 


आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो

 आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो ~राहत इंदौरी


आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो

ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो


राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें

रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो


एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो

दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो


आते जाते पल ये कहते हैं हमारे कान में

कूच का ऐलान होने को है तय्यारी रखो


ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे

नींद रखो या न रखो ख़्वाब मेयारी रखो ~ राहत इंदौरी


है एक लाश की सूरत पड़ी हुई दुनिया

है एक लाश की सूरत पड़ी हुई दुनिया


है एक लाश की सूरत पड़ी हुई दुनिया
सलीब ए वक़्त के ऊपर जड़ी हुई दुनिया

हर एक शख़्स है पीछे पड़ा हुआ इसके
हर एक शख़्स के पीछे पड़ी हुई दुनिया

हसीन लड़कियाँ ख़ुशबूऐं चांदनी रातें
और इनके बाद भी ऐसी सड़ी हुई दुनिया

-अमीर इमाम

Teri judai se darta hu mujhe darne de,

 

Teri judai se darta hu mujhe darne de,

Tujhse bichadke marta hu mujhe marne de,

Tu mujhe pyar kre yaa naa kre teri marzi,

Mai tujhse pyaar krta hu mujhe to karne de.

Tab ro liya karna jee bhar ke by zakir khan

 



Tab ro liya karna jee bhar ke.,


Jab dimag kisi par bhi bharosa karna chhod de.

Jab pardes ki hawa me saans lena bhi ruh ko khokhla karne lage.

Jab har baat mein ghat nazar aane lage.

Jeetne par bhi sab kuch maat lagne lage.


Tab ro liya karna jee bhar ke.


Har woh shaks jisse apna samjha, woh khanjar liya peeth par chalane lage.

Woh saare bhanvar, jinhe kinara samjhkar tumne apne langar daale they.

Woh besharmi se tumko dubone lage .


Tab,

thoda ro liya karna jee bhar ke.


Dhul kar naye ho jaoge.

bilkul waise jaise maa ne tayyar kiya ho tumhe school ke liye. Apne hathon se ballon ki side partition wali mang nikal kar.


Utne hi masoom.

Utne hi bhole.

Utne hi naye.


Tab ro liya karna jee bhar ke.

-zakir khan

कभी कभी मेरे दिल मैं ख्याल आता हैं साहिर लुधियानवी

 कभी कभी मेरे दिल मैं ख्याल आता हैं साहिर लुधियानवी



कभी कभी मेरे दिल मैं ख्याल आता हैं

कि ज़िंदगी तेरी जुल्फों कि नर्म छांव मैं गुजरने पाती

तो शादाब हो भी सकती थी।


यह रंज-ओ-ग़म कि सियाही जो दिल पे छाई हैं

तेरी नज़र कि शुओं मैं खो भी सकती थी।


मगर यह हो न सका और अब ये आलम हैं

कि तू नहीं, तेरा ग़म तेरी जुस्तजू भी नहीं।


गुज़र रही हैं कुछ इस तरह ज़िंदगी जैसे,

इससे किसी के सहारे कि आरझु भी नहीं|


न कोई राह, न मंजिल, न रौशनी का सुराग

भटक रहीं है अंधेरों मैं ज़िंदगी मेरी|


इन्ही अंधेरों मैं रह जाऊँगा कभी खो कर

मैं जानता हूँ मेरी हम-नफस, मगर यूंही


कभी कभी मेरे दिल मैं ख्याल आता है|


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शादाब /Shadab=fresh,delightful

रंज/Ranj=distress,grief

जुस्तजू /Justjoo=desire

हम-नफस/Hum-nafas=companion,friend


by- साहिर लुधियानवी


तेरी आँखों में जो एक क़तरा छुपा है, मैं हूँ- फ़ौजिया रबाब

 तेरी आँखों में जो एक क़तरा छुपा है, मैं हूँ- फ़ौजिया रबाब



तेरी आँखों में जो एक क़तरा छुपा है, मैं हूँ

जिसने छुप छुप के तेरा दर्द सहा है, मैं हूँ


एक पत्थर के जिसे आँच ना आई तू है

एक आईना के जो टूट चुका है, मैं हूँ


तुझ में डूबी तो मुझे अपनी ख़बर ही कब थी

मैंने यह दूसरे लोगों से सुना है, मैं हूँ


उसने जब भी कहा, "कोई नहीं, शायद अपना"

मैंने बे-साख़्ता हर बार कहा है, मैं हूँ

- फ़ौजिया रबाब



चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे~. बुल्लेशाह

  चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे~. बुल्लेशाह “चढ़दे सूरज ढलदे देखे बुझदे दीवे बलदे देखे हीरे दा कोइ मुल ना जाणे खोटे सिक्के चलदे ...