इक अजब सी बेकली है इन दिनों। - फ़ौजिया रबाब"

 इक अजब सी बेकली है इन दिनों। - फ़ौजिया रबाब"



चश्म-ए-उल्फ़त लड़ गई है इन दिनों,

इक अजब सी बेकली है इन दिनों।


इश्क़ भी करना है, घर के काम भी,

ये मुसीबत भी नई है इन दिनों।

- फ़ौजिया रबाब"


چشم الفت لڑ گئ ہے ان دنوں

اک عجب سی بے کلی ہے ان دنوں


عشق بھی کرنا ہے گھر کے کام بھی

یہ مصیبت بھی نئ ہے ان دنوں

فوزیہ رباب


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