किसी बहाने तुम्हे याद करने लगते है -फैज अहमद फैज़

किसी बहाने तुम्हे याद करने लगते है -फैज अहमद फैज़

 

1.दिल धड़कने का सबब याद आया

वो तेरी याद थी अब याद आया - नाशिर काजमी

2. तुम्हारी याद के जख्म जब भरने लगते हैं

किसी बहाने तुम्हे याद करने लगते है -फैज अहमद फैज़



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