Best Of Tehzeeb Hafi Shayari ||Tahzeeb Hafi

Best Of Tehzeeb Hafi Shayari
Tehzeeb Hafi

1. सब परिंदों से प्यार लूँगा मैं
पेड़ का रूप धार लूँगा मैं
तू निशाने पे आ भी जाए अगर
कौन सा तीर मार लूँगा मैं

2. पलट के आए तो सबसे पहले तुझे मिलेंगे
उसी जगह पर जहाँ कई रास्ते मिलेंगे
अगर कभी तेरे नाम पर जंग हो गई तो
हम ऐसे बुजदिल भी पहली सफ़ में खड़े मिलेंगे

3. ये किस ने बाग से उस शख्स को बुला लिया है
परिंद उड़ गए पेड़ो ने मुँह बना लिया है
उसे पता था मैं छूने में वक्त लेता हूँ
सो उस ने वस्ल का दौरानीया बढा लिया है

4. मेरे बस में नहीं वरना कुदरत का लिखा हुआ काटता
तेरे हिस्से में आए बुरे दिन कोई दूसरा काटता
लारियों से ज्यादा बहाव था तेरे हर इक लफ्ज़ में
मैं इशारा नहीं काट सकता तेरी बात क्या काटता
मैंने भी ज़िंदगी और शब ए हिज़्र काटी है सबकी तरह
वैसे बेहतर तो ये था के मैं कम से कम कुछ नया काटता
तेरे होते हुए मोमबत्ती बुझाई किसी और ने
क्या ख़ुशी रह गयी थी जन्मदिन की, मैं केक क्या काटता
कोई भी तो नहीं जो मेरे भूखे रहने पे नाराज़ हो
जेल में तेरी तस्वीर होती तो हंसकर सज़ा काटता

5. बिछड़कर उसका दिल लग भी गया तो क्या लगेगा
वो थक जाएगा और मेरे गले से आ लगेगा
मैं मुश्किल में तुम्हारे काम आऊँ या ना आऊँ
मुझे आवाज़ दे लेना तुम्हे अच्छा लगेगा

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