चलो फिर से शुरुआत करते है,
जो हो गया उसे हो जाने दो
काल था बीत जाने दो
काली अंधेरी रात बीता कर
नई सुनहरी सुबह की बात करते है,
चलो फिर से शुरुआत करते है।
क्या-क्या खोया क्या-क्या पाया
कितना तुम्हे अपनो ने तड़पाया
सारी पीड़ा पीछे रख कर
एक नया आगाज़ करते है,
चलो फिर से शुरुआत करते है.
मुश्किलो को अब आने दो
तुम अंगद सा पैर जमा दो
कठिनाइयों का अपनी विनाश करते है
नये कल की बात करते है,
चलो फिर से शुरुआत करते है,
चलो शून्य से शुरुआत करते है।
-VISHAL CHAUHAN
Ha chalo fir suruat krte he
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DeleteGood 👍
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